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टीकमगढ़ के धार्मिक स्थान और पर्यटन स्थल

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मध्य प्रदेश का टीकमगढ़ जिला अपने धार्मिक स्थान और किलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं। यहां पर कई मंदिर हैं जहां पर श्रद्धालु आना पसंद करते हैं। हम आपको टीकमगढ़ के बारे में विस्तार से बताते हैं।


1- कुंडेश्वर महादेव मंदिर-

कुंडेश्वर महादेव मंदिर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित है। यह टीकमगढ़ मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव में स्थित है। टीकमगढ़ के कुंडेश्वर महादेव जमदार नदी के किनारे स्थित है। यहां की मान्यता यह है कि यहां स्थापित शिवलिंग कुंड से निकला हुआ है। यहां पर एक सुंदर झरना है जिसे उषा वॉटरफॉल के नाम से जाना जाता है। इसी गांव में म्यूजियम और विनोबा संस्थान भी स्थित है। टीकमगढ़ से महाराज वीर सिंह देव ने कुंडेश्वर साहित्य संस्थान की स्थापना की थी| जो कुंडेश्वर प्रवास के दौरान पंडित बनारसी दास चतुर्वेदी और यशपाल जैन द्वारा संचालित किया जाता था। यहां पर एक सुंदर पिकनिक स्थल है, जिससे टीकमगढ़ के आसपास के लोग पिकनिक के लिए यहां आते हैं। यह स्थान साहित्यिक तथा धार्मिक स्थान के लिए जाना जाता है। कुंडेश्वर महादेव में भगवान शिव की प्रतिमा के साथ-साथ भगवान श्री राम, माता सीता, भरत जी, लक्ष्मण जी, हनुमान जी महाराज, लक्ष्मी जी,गणेश जी की मूर्तियां विराजमान है।
यहां कुंडेश्वर महादेव में प्रति वर्ष तीन बड़े मेले लगते हैं| जो कि पहला माघ में, दूसरा बसंत पंचमी पर और तीसरा कार्तिक एकादशी पर आयोजित किया जाता है। इस मेले में 50000 से 100000 लोग शामिल होते हैं। कुंडेश्वर महादेव का यह मेला दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।

2- बल्देवगढ़ किला-

बल्देवगढ़ किला टीकमगढ़ की तहसील में स्थित है। टीकमगढ़ मुख्यालय से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जमीन से कुछ ऊंचाई पर स्थित है। इस किले में जाने के लिए दो रास्ते हैं | यहां पर प्रसिद्ध माता विंध्यवासिनी देवी का मंदिर भी है | जहां चैत्र के महीने में 7 दिनों का मां विंध्यवासिनी मेला आयोजित किया जाता है। जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। टीकमगढ़ शहर सुपारी की खेती के लिए प्रसिद्ध है। बल्देवगढ़ किले के पास ही एक बहुत बड़ा तालाब भी है। माना जाता है इसकी गहराई लगभग 1000 फिट है। तालाब बहुत सुंदर दिखाई देता है। किले के ठीक बगल में सरकारी रेस्ट हाउस भी है, जहां से तालाब को आसानी से देखा जा सकता है।

3- अहार जी जैन मंदिर –

अहार जी टीकमगढ़ जिले के ही बल्देवगढ़ तहसील का एक गांव है जहां पर कई प्रसिद्ध जैन मंदिर हैं| जिनमें से एक मंदिर शांतिनाथ जी का है जिसकी ऊंचाई 20 फिट है। इसके साथ-साथ यहां कई खंडहर पुरानी छवियों के साथ और अन्य मंदिर स्थित हैं।

4- मड़खेरा सूर्य मंदिर-


यह सूर्य मंदिर टीकमगढ़ शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का मुख्य द्वार पूर्व की तरफ है जहां पर भगवान सूर्य जी की मूर्ति विराजमान है। थोड़ी दूर पर माता विंध्यवासिनी देवी का मंदिर है, जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।


5- पपोरा जी जैन मंदिर –

यह जैन मंदिर टीकमगढ़ मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जैन मंदिर जैन धर्म के मानने वाले श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहां पर लगभग 80 पुराने जैन मंदिर हैं, जिसमें से कुछ जैन मंदिर अभी निर्माणाधीन है। यह जैन धर्म के भक्तों का मुख्य आकर्षण केंद्र है। यहां पर कार्तिक पूर्णिमा पर महत्वपूर्ण मेला लगता है जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं, जिसे जैन धर्म के एक ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है।


इसके साथ-साथ टीकमगढ़ में अन्य कई मंदिर और पर्यटक स्थल हैँ, जहां पर लोग घूमने या पिकनिक के लिए जा सकते हैं।

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