प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश का जिला है जो प्रयागराज से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रतापगढ़ अपने कई कार्यो के लिए प्रसिद्ध है। देश में सबसे ज्यादा आवला प्रतापगढ़ में पाया जाता है। प्रतापगढ़ राजनीति के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर कई दार्शनिक स्थल हैं जहां पर हजारों श्रद्धालु दर्शन करते हैं। प्रतापगढ़ शहर को बेल्हा के नाम से भी जाना जाता है। हम आपको प्रतापगढ़ के कुछ विशेष स्थान के बारे में बताएंगे।

1- माँ बेल्हा देवी –
माता बेल्हा देवी का मंदिर प्रतापगढ़ शहर में स्थित है। यह सई नदी के तट पर शहर के अंदर बना हुआ है। यहां पर माता बेल्हा देवी मंदिर में विराजमान है तथा यहां पर शिवजी, माता दुर्गा जी और हनुमान जी महाराज का अच्छा मंदिर है। यहां मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ो श्रद्धालु आते हैं। शुक्रवार तथा सोमवार को यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती है। नवरात्रों में यहां यह संख्या 50000 से ज्यादा होती है।

2- शनि देव मंदिर –
प्रतापगढ़ शहर मुख्यालय से 17 किलोमीटर की दूरी पर, विश्वनाथगंज बाजार से 3 किलोमीटर की दूरी पर प्राचीन शनि मंदिर स्थित है। यहां पर शनिवार के दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। शनि मंदिर बहुत खूबसूरती से बनाया गया है।

3- मनगढ़ भक्ति धाम मंदिर –
प्रतापगढ़ मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी पर मनगढ़ में स्थित है। यह राधा कृष्ण का मंदिर जगतगुरु कृपालु जी महाराज ने बनवाया था। मथुरा में स्थित प्रेम मंदिर इसके बाद उनके द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर का परिसर काफी बड़ा है यहां की सजावट, सुंदरता और पार्क देखने में बहुत ही सुंदर है। यहां तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। मनगढ़ प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह राधा कृष्ण के प्रेम दर्शाता बहुत ही खूबसूरत मंदिर है।

4- घुश्मेश्वर नाथ मंदिर-
भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मंदिर प्रतापगढ़ शहर मुख्यालय से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भी सई नदी के तट पर स्थित है। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है जिसे आधुनिक तरीके से बनाया गया है। यहां प्रत्येक मंगलवार मेला लगता है। सावन के माह में यहां पर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

5- बेलखरनाथ मंदिर –
बाबा बेलखरनाथ धाम प्रतापगढ़ मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर सई नदी के तट पर बना हुआ है। यह भगवान शिव का तीर्थ स्थल है, यहां पर सावन में हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और प्रतिदिन मेला लगता है। अन्य दिनों में यहां पर मंगलवार को मेला लगता है।

6- बाबा भयहरण नाथ धाम –
बाबा भयहरण नाथ धाम प्रतापगढ़ जनपद मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मान्यता के अनुसार पांडवों ने यहां पर बकासुर का वध किया था और शिवलिंग की स्थापना की थी। यह बकुलाई नदी पर स्थित है। यहां पर प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

7- चंदिकन देवी शक्तिपीठ –
प्रतापगढ़ मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिद्ध पीठ मां चंडिका देवी धाम माता चंडिका को समर्पित है। इसे चंदिकन धाम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर पांच चंडिका की तीन पिंडी मूर्ति विराजमान है। यह एक प्राचीन मंदिर है और दो से ढाई हजार वर्ष पूर्व स्थापित हुआ था। यहां पर प्रत्येक वर्ष चैत्र माह और आश्विन माह में मां चंद्रिका देवी के मेले का आयोजन किया जाता है। आम दिनों यहां मंगलवार को मेला लगता है और हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

8- मां चौहर्जन धाम –
प्रतापगढ़ में माता दुर्गा के प्रमुख शक्तिपीठ में चौहर्जन धाम प्रमुख है। मान्यता के अनुसार इस धाम में जो आता है वह निराश नहीं जाता है। यह माता का मंदिर आल्हा ऊदल ने स्थापित किया था। यह मंदिर चौहर्जन गांव में होने के कारण ये चौहर्जन देवी के नाम से जानी जाती हैं।
इसके साथ-साथ प्रतापगढ़ में कई अन्य तीर्थ स्थल है जहां पर दर्शनार्थी दर्शन के लिए आते हैं। जिसमें हौदेश्वर, कोटवा महारानी धाम, मां पंचमुखी मंदिर आदि स्थित है।