चित्रकूट का व्याख्यान रामायण में मिलता है। भगवान राम के जीवन से जुड़ी हुई कई चीजे चित्रकूट में देखने के लायक हैं। चित्रकूट का ज्यादा हिस्सा उत्तर प्रदेश में है तथा कुछ भाग मध्य प्रदेश में है। जिले के रूप में यह उत्तर प्रदेश का जिला मान्य होता है। चित्रकूट धाम दर्शन के लिए दूर-दूर से दर्शनार्थी आते हैं। भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास का काफी समय चित्रकूट का माना गया है। प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा गया है परंतु चित्रकूट को उनसे ऊपर माना जाता है। हम आपको चित्रकूट के धार्मिक स्थलों के बारे में बताएंगे जहां पर दर्शनार्थियों के साथ-साथ पर्यटक भी काफी संख्या में आते हैं।

1- हनुमान धारा-
चित्रकूट में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हनुमान धारा है यह पहाड़ी पर स्थित है। हनुमान धारा में हनुमान जी की विशाल मूर्ति के ठीक पास में दो जलकुंड बने हैं जो हमेशा जल से भरे रहते हैं। यहां इस कुंड में निरंतर जल गिरता रहता है। हनुमान धारा के जल स्रोत का पता नहीं चलता है परंतु यह सभी मौसम में जल गिरता रहता है। यह पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही मनोरम होता है। यहां पर कई सेल्फी प्वाइंट भी हैं मान्यता यह है कि यहां पर हनुमान जी ने लंका से वापस आने के बाद यहाँ स्नान किया था और अपना क्रोध शांत किया था। यहां पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इसके ऊपरी हिस्से में सीता की रसोई भी विद्यमान है। इसके साथ-साथ इस पहाड़ी पर कई छोटे-छोटे मंदिर व भगवान राम और माता सीता से जुड़े हुए कई स्थान हैं। यहां स्थित सीता की रसोई में माता सीता ने कई ऋषियों को भोजन कराया था।

2- कामदगिरि मंदिर –
यह ऐतिहासिक शहर चित्रकूट के धार्मिक स्थलों में से प्रमुख माना जाता है। मान्यता के अनुसार कामदगिरि पहाड़ी पर भगवान श्री राम, भगवान लक्ष्मण और माता सीता अपने वनवास के दौरान निवास किया करते थे। यहां अमावस्या के दिन भारत के सभी हिस्सों से लोग आकर मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद यहां की परिक्रमा करते हैं जो की महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्वत बहुत ही खूबसूरत है और यहां पर सावन के महीने में दूर-दूर से लोग पैदल चलकर आते हैं। यहां पर कई अन्य छोटे मंदिर विराजमान हैं।

3- रामघाट –
चित्रकूट में रामघाट माता मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। मान्यता के अनुसार भगवान राम, लक्ष्मण जी महाराज और माता सीता जी ने वनवास के दौरान यहां इस घाट पर स्नान किया था। इस घाट पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु स्नान करते हैं तथा नवरात्रि से यहां पर श्रद्धालु ज्यादा संख्या में आते हैं।

4- जानकी कुंड-
चित्रकूट में माता मंदाकिनी नदी के तट पर जानकी कुंड स्थित है। यहां की मान्यता के अनुसार माता सीता के पसंदीदा स्नान स्थलों में से एक है। चित्रकूट आने वाले पर्यटक व दर्शनार्थी जानकी कुंड देखने जरूर आते हैं। यहां पर एक प्रसिद्ध आंख का अस्पताल भी है।

5- लक्ष्मण पहाड़ी –
धार्मिक स्थल चित्रकूट में स्थित लक्ष्मण पहाड़ी धार्मिक आस्था का एक केंद्र है। यह कामदगिरि पहाड़ी के पास ही स्थित है, कामदगिरि पहाड़ी की परिक्रमा करने वाले दर्शनार्थी लक्ष्मण पहाड़ी जा सकते हैं। इस पहाड़ी पर भगवान राम, लक्ष्मण जी, भरत जी का मंदिर देखने को मिलता है। लक्ष्मण पहाड़ी पर जाने के लिए शासन द्वारा रोपवे की व्यवस्था भी कर दी गई है। पैदल जाने वाले यात्रियों को लगभग 400 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है।

6- सती अनसुईया मंदिर तथा आश्रम –
चित्रकूट धाम के माता मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित यह आश्रम आध्यात्मिक तथा शांति के लिए जाना जाता है। मान्यता के अनुसार माता अनसुईया की प्रार्थना के कारण ही मंदाकिनी नदी का निर्माण हुआ। इस आश्रम में सती अनसुईया अपने बेटे और पति के साथ रहती थी। इस स्थान पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी व पर्यटक आते हैं। यह प्राकृतिक रूप से भी काफी खूबसूरत बनाया गया है जिससे पर्यटक यहां का आनंद लेते हैं।

7- आरोग्यधाम चित्रकूट-
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा परिसर लोगों के लिए विशेष स्थान है। यह परिसर लगभग 53 एकड़ में स्थित है यहां पर एक खूबसूरत पार्क बनाया गया है तथा प्राकृतिक जड़ी बूटियां भी उपलब्ध हैं। यहां आने वाले पर्यटक नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं तथा शाम को माता मंदाकिनी तट पर स्नान कर सकते हैं, जहां हजारों श्रद्धालु शाम के समय प्रतिदिन स्नान करते हैं। आरोग्यधाम प्राकृतिक रूप से खूबसूरत बनाया गया है।
इसके साथ-साथ चित्रकूट की पावन धरती पर आप अन्य कई स्थान पर दर्शन कर सकते हैं तथा घूमने के लिए जा सकते हैं। जिसमें से भरत मिलाप मंदिर, स्फटिक शिला, गणेश बाग, महर्षि वाल्मीकि आश्रम, सबरी जलप्रपात, भरत कूप, रसिन बांध, राम दर्शन, गुप्त गोदावरी की गुफाएं, प्रमोद वन, धारकुंडी आश्रम आदि हैं। जहां पर दर्शनार्थी व पर्यटक जाकर दर्शन तथा प्रकृति का लुफ्त उठा सकते हैं।