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अयोध्या के तीर्थ स्थल

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अयोध्या धर्म की नगरी मानी जाती है। यह उत्तर प्रदेश में स्थित है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। भगवान राम का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। भगवान राम का नवनिर्मित मंदिर 2024 में पूर्ण हुआ है। राम मंदिर आधुनिक तरीके से बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण बड़े-बड़े पत्थरों से किया गया है। इस मंदिर में स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। भगवान राम की जन्मस्थली काफी समय तक विवादों में रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया है। यह मंदिर करोङो भारतवासियों का गौरव है। इसके अलावा अयोध्या में कई तीर्थ स्थल हैं तथा कई मंदिर हैं। हम आपको अयोध्या के बारे में विस्तार से बताते हैं।


1- भगवान राम मंदिर-

भगवान राम का सुप्रसिद्ध मंदिर उनकी जन्मस्थली अयोध्या उत्तर प्रदेश में स्थित है। यहां पर कई बार मंदिर तोड़ा गया है और पुनः निर्माण किया गया है। कुछ समय पूर्व रामलला के मंदिर पर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी जिसे 1992 में कार सेवकों द्वारा तोड़ दिया गया था। कई वर्षों से यह मामला देश के कई कोर्ट में चल रहा था। अंत में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया गया। इसके पश्चात यहां पर भव्य राम मंदिर बनाया गया है। जिसमें दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।


2- हनुमानगढ़ी मंदिर-

हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या में स्थित है। यह भगवान राम की जन्मस्थली से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। हनुमानगढ़ी मंदिर दसवीं शताब्दी में स्थापित हुआ था। भगवान राम का दर्शन करने से पूर्व हनुमान गढ़ी का दर्शन करना आवश्यक माना जाता है। इस मंदिर परिसर में माता अंजनी की मूर्ति भी स्थापित है।


3- कनक भवन –

अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित यह मंदिर अपनी कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि माता कैकेई ने भगवान श्री राम और माता सीता जी को यह भवन उपहार के रूप में दिया था। इस भवन का जीर्णोद्धार राजा विक्रमादित्य ने कराया था। उसके पश्चात भानु कुमारी ने कराया था। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री राम और माता सीता विराजमान हैं।


4- नागेश्वर नाथ मंदिर –

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में भगवान नागेश्वर नाथ जी का मंदिर है। मान्यता के अनुसार यह मंदिर भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था। यहां विराजित शिवलिंग प्राचीन बताया जाता है। मान्यताओं के अनुसार कुश सरयू नदी में स्नान कर रहे थे तभी उनका बाजूबंद पानी में गिर गया और थोड़ी देर बाद एक नाग कन्या प्रकट हुई और उन्होंने वापस कर दिया। इसके पश्चात एक दूसरे से प्रेम हो गया। उसने उनके लिए यह मंदिर का निर्माण कराया, यह सुप्रसिद्ध मंदिर होने के कारण महाशिवरात्रि के त्यौहार के दौरान यहां पर लाखों की संख्या में भीड़ होती है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार सन 1750 में किया गया था।


5- सरयू नदी –

सरयू नदी का अयोध्या में विशेष स्थान है। यहां सरयू नदी के किनारे कई घाट हैं, जहां पर श्रद्धालु स्नान करते हैं। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक सर्वप्रथम सरयू स्नान के बाद ही भगवान राम के दर्शन के लिए जाते हैं। सरयू नदी के किनारे बने छोटे-छोटे मंदिर, वहां की कलाकृतियां, घाटों की सुंदरता बहुत ही मनमोहक होती है।


6- भरत कुंड-

उत्तर प्रदेश के अयोध्या से कुछ दूरी पर भरत कुंड स्थित है जिसे नंदीग्राम भी कहते हैं। मान्यता के अनुसार भगवान राम के छोटे भाई भरत ने यहां पर उनकी अनुपस्थिति में कौशल साम्राज्य पर शासन किया था। माना जाता है कि राजा भरत ने शासन के समय भगवान श्री राम की पादुका सिंहासन पर रखकर राज किया था। वनवास से वापस आने पर भगवान श्री राम ने भरत से इसी स्थान पर भेंट की थी। इसी स्थान पर भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध भी किया था।


7- राम की पैड़ी –

अयोध्या के सरयू नदी के तट पर सैकड़ो घाट बनाए गए हैं। मान्यता के अनुसार यहां पर श्रद्धालु अपने पाप धोने के लिए आते हैं। इसी घाट में से राम की पैड़ी एक मुख्य घाट है। यहां पर छोटे-छोटे मंदिरों से घिरे कई हरे भरे बगीचे भी हैं, यहां का अद्भुत दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है। यहां पर हमेशा हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं।


8- तुलसी स्मारक भवन –

अयोध्या में तुलसी स्मारक भवन महान संत व कवि पंडित गोस्वामी तुलसीदास जी की स्मृति में बनाया गया है। यह स्मारक अयोध्या में शोध का संस्थान है। तुलसी स्मारक सभागार में रामलीला प्रदर्शन उसका आकर्षण है। यहाँ महाराज तुलसीदास के साहित्यिक कार्यों का एक बड़ा संग्रह है।

9- मणि पर्वत –

मणि पर्वत अयोध्या में स्थित है, इसके लिए कई मान्यताएं हैं। एक यह माना जाता है कि मणि पर्वत जब हनुमान जी संजीवनी बूटी के लिए पर्वत ले जा रहे थे तो यह अयोध्या में गिरी थी। तथा दूसरी मान्यता यह है कि इस पर्वत पर भगवान राम और माता सीता झूला झूलते थे। यह भी माना जाता है कि भगवान राम के विवाह में बहुत सारी मणियां मिली थी यह इतनी अधिक मात्रा में थी कि मणियों का एक पहाड़ बन गया था जिसे बाद में मणि पर्वत के नाम से बुलाया जाने लगा।

भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में कई धार्मिक स्थल हैं जहां पर श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं जिसमें अन्य त्रेता के ठाकुर, छोटी देवकाली मंदिर, घाट और कुंड, जैन मंदिर, गुप्तार घाट, गुरुद्वारा तथा रामकोट आदि हैं। देश- विदेश से आने वाले तीर्थ यात्री सभी स्थान पर दर्शन कर सकते हैं।

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