मध्य प्रदेश का सागर जिला अपने तालाब, जलप्रपात, मंदिर व अन्य प्राकृतिक स्थान के लिए प्रसिद्ध है। यहां के कई स्थान पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। हम आपको सागर के कुछ प्रसिद्ध स्थलों के बारे में बताएंगे।
1- सागर तालाब – यह सागर तालाब सागर जिले में स्थित है, इसे लाखा बंजारा झील या सागर झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। यह भी माना जाता है कि यह झील पहले बहुत बड़ी थी बाद में इसको थोड़ा छोटा किया गया है। यह झील काफी गहरी मानी जाती है। यह झील देखने में बहुत ही प्राकृतिक और सुंदर है। झील के किनारे तमाम तरह के पेड़ लगाए गए हैं तथा कुछ स्थानों पर दीवारों से भी इसे कवर किया गया है। कई जगहों पर इस झील के किनारे लोगों के मकान बने हुए हैं। सागर के लोगों के लिए यह एक पिकनिक स्पॉट भी है, सुबह शाम यहां का नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है। इस झील का जल लोगों के नहाने वह पीने के उपयोग में आता है
2- राहतगढ़ जलप्रपात – राहतगढ़ जलप्रपात मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित है, यह सागर मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात बीना नदी के किनारे पर स्थित है, इसके पास राहतगढ़ का प्रसिद्ध किला है, जहां पर महल एवं मंदिर देखने को मिलते हैं। यहां पर मस्जिदों के खंडहर भी प्रसिद्ध हैं। इसके बाहरी दीवारों पर 26 विशाल मीनार हैं। जलप्रपात से 3 किलोमीटर की दूरी पर है, यह जलप्रपात लगभग 50 फीट ऊपर से गिरता है। यहां का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही मनमोहक है। यहां प्रतिदिन सैकड़ो पर्यटक आते हैं।
3- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य – नौरादेही वन्य जीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के तीन जिलों में फैला हुआ है, यह सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों के त्रिभुज में स्थित है, इसका क्षेत्रफल लगभग 1200 वर्ग किलोमीटर है। इस परिक्षेत्र में तरह-तरह के पेड़ पौधे पाए जाते हैं जिसमें से सागौन, साजा, धौरा, भीरा, बेर, बांस इत्यादि मशहूर हैं। यहां पर कई प्रकार के जंगली जानवर भी रहते हैं, जिसमें नीलगाय, चिंकारा, चीतल, सांभर, काला बक, बार्किंग हिरन, लंगूर, रिसस मैकाक आदि हैं। यहां पर पानी में रहने वाले भी कई जीव जंतु दिखते हैं कछुए, मगरमच्छ, सांप इत्यादि शामिल हैं। यहां पर कई प्रकार के पक्षी भी पाए जाते हैं। जिसमें मुख्यतः क्रेन, एग्रेस, लापविंग्स, गिद्ध,पतंग, उल्लू, किंगफिशर, ईगल, पैट्रिज, बटेर, कबूतर इत्यादि शामिल हैं। यहां पर जंगली बिल्ली वह भालू देखना आम बात है। इस अभयारण्य में पशु पक्षियों को संरक्षित किया जाता है। पर्यटकों के लिए यह एक विशेष स्थान है। यहां का दृश्य देखकर दूर – दूर के पर्यटक यहां आना चाहते हैं।
4- गढ़पहरा मंदिर – गढ़पहरा मंदिर सागर में स्थित है, इस स्थान को पुराना सागर के नाम से भी जाना जाता है यह सागर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर पहाड़ियों पर बना हुआ किला है जहां जाने के लिए खड़ी सड़क और इसका विशाल गेट है। इसका एक भाग मंदिर की तरफ जाता है। इस किले में एक मुस्लिम मकबरा भी है, माना जाता है कि यह किला राजा जयसिंह ने बनवाया था। इस मंदिर में हनुमान जी महाराज विराजमान है, यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए तथा घूमने के लिए आते हैं। यह मंदिर पहाड़ी पर ही स्थित है, यह सागर के आसपास क्षेत्र में लोकप्रिय है।
5- रानगिर हरसिद्धि माता मंदिर – यह माता का मंदिर सागर के मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर नरसिंहपुर मार्ग पर स्थित है। यहां मंदिर में विराजमान मां हरसिद्धि देवी की मूर्ति दिन में तीन रूपों में अपना दर्शन देती हैं। माना जाता है कि माता हरसिद्धि प्रातःकाल में कन्या के रूप में विराजमान होती हैं, दोपहर में युवा रूप में तथा शाम के समय अपने वृद्ध रूप में अपना दर्शन देती हैं। मान्यता के अनुसार मां भगवती के 52 सिद्ध शक्तिपीठों में से यह एक शक्तिपीठ है। यह माता का मंदिर लगभग 1100 वर्ष पुराना है। यहां दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर बिहार नदी के पूर्वी तट पर घने जंगलों के बीच में बना हुआ है। यहां का वातावरण व दृश्य बहुत ही मनोहर होता है। इसी कारण से यह मंदिर दर्शनार्थियों के बीच लोकप्रिय है।
6- अटल पार्क – मध्य प्रदेश के सागर जिले में अटल पार्क बनाया गया है यह पार्क पहले अमृत पार्क के नाम से जाना जाता था परंतु अब यह पंडित अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर रखा गया है। इस पार्क को बच्चे, बूढ़े, जवान सभी को देखते हुए उनके लिए कई प्रकार की सुविधा दी गई हैं। इस पार्क में साइकलिंग ट्रेक, स्विमिंग पूल तथा कई कैफे मौजूद हैं। यह पार्क बहुत प्राकृतिक रूप से बनाया गया है। इस पार्क में सागर के अलावा अन्य जिलों के भी पर्यटक आते हैं। यह सागर शहर में स्थित प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है।
इसके अलावा भी आप मध्य प्रदेश के सागर जिले में कई जगह पर दर्शन व घूमने के लिए जा सकते हैं।