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कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

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कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला जिले में फैला हुआ है। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को सन 1955 में राष्ट्रीय उद्यान में विस्तारित कर दिया गया था। यहां पर पर्यटक जंगल सफारी के लिए आते हैं तथा प्रकृति के प्रेमियों के लिए यह बहुत ही उत्तम स्थान है। इस उतरन में 1000 से अधिक फूलदार पौधे हैं, जिससे इस उद्यान की सुंदरता और भी बढ़ जाती है। इसके अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में साल, बांस, सागौन, शीशम आदि के पेड़ मिलते हैं। इसके अलावा यहां पर हजारों प्रकार की वनस्पतियां मिलती हैं, जिसमें पेड़ पर चढ़ने वाले पौधे जड़ी बूटियां इत्यादि शामिल हैं। इन जड़ी बूटियां का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जाता है। यहां कई प्रकार की जंगली झाड़ियां भी देखने को मिलती हैं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में एक बड़ी झील भी है तथा छोटे-छोटे कई तालाब हैं। जिसमें विभिन्न प्रकार के जलीय पौधे पाए जाते हैं।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में तरह-तरह के जंगली जानवर देखने को मिलते हैं, जिसमें बाघ, तेंदुआ, बायसन गौर और हिरन जैसी कई लुफ्तप्राय प्रजातियां सम्मिलित है। इसके अलावा चित्तीदार हिरण, सांभर, चार सींग वाले मृग, माउस हिरण और भौंकने वाले हिरण भी यहां देखने को मिलते हैं। स्पार्क को कई भागों में बांटा गया है। यहां बारहसिंगा, काला हिरण और दलदली हिरण जैसी अनोखी प्रजातियां भी देखने को मिलती हैं। यहां लोमड़ी, लकड़बग्घा, सहद बेजर, भारतीय भेड़िया, सुस्त भालू, जंगली सूअर, जंगली बिल्ली, लंगूर और मैकाक जैसे अन्य जानवर भी देखने को मिलते हैं। इसके अलावा यहां पर 300 से अधिक प्रजातियों के सांप,अजगर और वाइपर दिखाई देते हैं। यह यहां पर संरक्षित करके रखे गए हैं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में कई सौ प्रकार के पक्षी भी देखने को मिलते हैं। जिसमें से कई पक्षी विलुप्त होने के कगार पर हैं। पशु पक्षी तथा प्रकृति की प्रेमियों के लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान बहुत ही उत्तम स्थान है।


कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का मौसम प्रकृति के अनुसार बदलता रहता है यहां पर सफारी का समय भी बदलता रहता है यहां 15 अक्टूबर से 15 फरवरी तक सुबह से शाम तक जंगल सफारी का आनंद लिया जा सकता है। अन्य महीना में समय का बदलाव होता रहता है। यह जुलाई अगस्त सितंबर माह में बंद रहता है। यहाँ पर कई सारे प्राकृतिक संसाधन देखने को मिलते हैं।


बालाघाट व मंडला जिले फैला हुआ कान्हा राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां पर देश-विदेश से टूरिस्ट आते हैं। पार्क और जंगल सफारी का आनंद लेते हैं। जहां जंगली जानवरों पशु पक्षियों को बहुत पास से देख सकते हैं तथा उनके साथ फोटोग्राफी कर सकते हैं। बालाघाट और मंडला में इसके अलावा भी कई धार्मिक स्थल व जलप्रपात हैं जहां पर्यटक इसका आनंद ले सकते हैं।

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