बागेश्वर के प्रमुख दर्शनीय स्थल व पर्यटन स्थल | Complete Travel Guide

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उत्तराखंड का बागेश्वर जिला अपने दार्शनिक स्थल तथा पर्यटन स्थल के लिए मशहूर है। यहां पर भगवान शिव के कई मंदिर तथा माता दुर्गा के कई मंदिर हैं। प्राकृतिक रूप से खूबसूरत यह जिला बर्फबारी के लिए भी जाना जाता है। उत्तराखंड के इस जिले में लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। यहां की ऊंची ऊंची पहाड़ियां जंगल व जलप्रपात तथा झीलें प्रसिद्ध हैं। यह कुमायूं मंडल का एक जिला है, जिसका मुख्यालय बागेश्वर है। यहां हम आपको बागेश्वर के प्रमुख स्थानों के बारे में बताएंगे

Baijnath Temple bageshwar uttrakhand


1- बैजनाथ मंदिर-

बागेश्वर में स्थित बैजनाथ प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह गोमती नदी के तट पर स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 1130 मीटर है। यह बागेश्वर मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है, मंदिर में माता पार्वती की काले पत्थर से बनी हुई सुंदर मूर्ति है, जिसका रास्ता नदी के किनारे पत्थरों से बनी सीढ़ियों से है। यह स्थान प्राकृतिक रूप से भी सुंदर है। यहां पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

BagnathTemple bageshwar uttrakhand


2- चंडिका मंदिर –

चंडिका मंदिर बागेश्वर शहर में ही स्थित है। यह माता काली का मंदिर है। बागेश्वर में स्थित चंडिका मंदिर जाने के लिए पहाड़ी तक एक ट्रैक बनाया गया है जिस रास्ते से श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर बागनाथ मंदिर के पास स्थित है। भुलेश्वर पहाड़ी पर स्थित माता चंडिका को नगर देवी के रूप में भी माना जाता है। यह स्थान श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है।


3- चंद्रिका देवी मंदिर-

माता दुर्गा का यह मंदिर बागेश्वर जिले में स्थित है। माता चंद्रिका को शक्ति स्वरूप माता दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर पर्यटकों का आस्था का केंद्र है, जहां पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि के समय यहां पर दर्शनार्थियों की संख्या काफी ज्यादा होती है। यहां का दृश्य काफी मनमोहक होता है। यह लोकप्रिय मंदिर होने के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है।

Chandika temple bageshwar uttrakhand


4- बागेश्वर मंदिर-

माता गोमती व माता सरयू नदी के संगम तट पर स्थित बागेश्वर मंदिर है। यह स्थान अपने मनमोहक माहौल के कारण पर्यटन स्थल माना जाता है। भगवान शिव का यह मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। यह मंदिर अद्भुत तरीके से बनाया गया है, इसकी नक्काशी काफी खूबसूरत है। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। घाटियों से घिरा हुआ यह स्थान प्राकृतिक सम्पदाओं से भरपूर है। यहां से खूबसूरत पहाड़ियां व प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलता है। यहाँ की मान्यता यह है कि भगवान शिव और माता पार्वती बाघ और गाय का रूप धारण करके यहां निवास करते थे।

पिंडारी और सुंदरढूंगा ग्लेशियर bageshwar uttrakhand


5- पिंडारी और सुंदरढूंगा ग्लेशियर-

बागेश्वर में स्थित यह ग्लेशियर ट्रैकिंग के लिए मशहूर है। यह लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पिंडारी ग्लेशियर नंदा देवी पर्वत के किनारे पर स्थित है, उसके सामने सुंदर ढूंगा ग्लेशियर स्थित है। चारों तरफ पहाड़ से घिरे हुए यह स्थान अपने खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रति वर्ष हजारों पर्यटक आते हैं। पर्यटकों की संख्या गर्मियों में ज्यादा होती है ठंड के मौसम में यहां पर ज्यादा बर्फबारी होती है।

कंडा गांव bageshwar uttrakhand


6- कंडा गांव –

बागेश्वर में स्थित कंडा गांव खूबसूरत जगह है। यह शहर मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान हरे भरे पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां पर सीढ़ीदार खेत भी देखने को मिलते हैं। यहां माता भद्रकाली का एक प्राचीन मंदिर है, जहां पर श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह क्षेत्र देखने में बड़ा खूबसूरत लगता है, यहां के हरे भरे पेड़ तथा घास के मैदान व हरी भरी पहाड़ियां बहुत ही खूबसूरत दिखाई देती हैं। यह स्थान यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है।

इसके साथ-साथ बागेश्वर जिले में कई मंदिर तथा कई गांव तथा हिल स्टेशन है जिसमें से मुख्यतः शहर मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर बागनाथ मंदिर, 8 किलोमीटर की दूरी पर गौरी उडियार गुफा, 18 किलोमीटर की दूरी पर कांड शहर, 35 किलोमीटर की दूरी पर बिगुल गांव, 35 किलोमीटर की दूरी पर विजयपुर, अग्निकुंड मंदिर, कुकुदा माई मंदिर, शीतला देवी मंदिर, त्रियुगी नारायण मंदिर, हनुमान मंदिर, ज्वाला देवी मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, भीलेश्वर धाम , सूरजकुंड, गोलू मंदिर, प्रकटेश्वर मंदिर, पिंडारी ग्लेशियर, 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुंदर गंगा ट्रैक, 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पांडू ट्रैक, 40 किलोमीटर दूर स्थित कौसानी, कुंवारी पर्वत आदि हैँ। जहां पर पर्यटक आकर दर्शन व प्रकृति का आनंद ले सकते हैं उत्तराखंड में स्थित यह जिला क्षेत्रफल में सबसे छोटा है परन्तु यहां के प्राचीन मंदिर और शांत नदियां पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

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