नर्मदा पुरम मध्य प्रदेश में स्थित है इसे पहले होशंगाबाद नाम से जाना जाता था। नर्मदा पुरम में कई दार्शनिक स्थल व हिल स्टेशन हैँ। यहां सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भी है। नर्मदा पुरम में लोग दर्शन और घूमने के लिए आते हैं। हम आपको नर्मदा पुरम के बारे में विस्तार से बताते हैं।

1- पंचमढ़ी –
पंचमढ़ी मध्य प्रदेश के नर्मदा पुरम जिले में स्थित है पंचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी के रूप में भी जाना जाता है यह एक हिल स्टेशन है जो कि लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, पंचमढ़ी में प्राकृतिक दृश्य बहुत ही मनमोहक होते हैं। ऐसा माना जाता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने यहां पर निवास किया था। पंचमढ़ी में ही कई सारे पर्यटन केंद्र हैं जिसमे पांडव गुफा, बी फॉल,सनसेट पॉइंट और धूपगढ़ के नाम शामिल है। पंचमढ़ी ऊंचाई पर होने के कारण यहां का वातावरण बहुत ही शुद्ध होता है इस हिल स्टेशन पर आने के लिए कम से कम 2 दिन का समय अवश्य होना चाहिए जिससे पंचमढ़ी में स्थित सभी स्थान आसानी से घूम सकें। यहां से बादलों को आसानी से देखा जा सकता है जिसका दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है। पंचमढ़ी ऐसा स्थान है जहां पर आने वाले टूरिस्ट यहां पर बार-बार आना चाहते हैं। यहां पर आपको पांच पांडव गुफा भी देखने को मिलती है, पंचमढ़ी में आपको जटाशंकर गुफाएं, धूपगढ़, हांडी खोह पंचमढ़ी, महादेव हिल्स, डचस झरना, प्रियदर्शनी पॉइंट, चौरागढ़ मंदिर इत्यादि देखने को मिलते हैं।

2- सेठानी घाट –
सेठानी घाट नर्मदा पुरम का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहां पर बड़ी संख्या में लोग अमावस्या और पूर्णिमा के दौरान दर्शन करने के लिए आते हैं, यह घाट मां नर्मदा के तट पर बना हुआ है यहां एक प्राचीन घाट भी है। यह घाट कई मंदिरों का केंद्र है यहां पर रोजाना में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस घाट पर सत्संग, रामचरितमानस और गीता का नियमित पाठ होता है। नर्मदा पुरम में यह घाट प्रसिद्ध है।

3- बिजासन देवी सकलनपुर –
बिजासन देवी सकलनपुर नर्मदा पुरम मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह माता बिजासन देवी का मंदिर है। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई काफी ज्यादा है। यहां दर्शन करने के लिए 1000 से अधिक सीढ़ियों पर चढ़ना होता है। इसके अलावा आप रोपवे और सड़क मार्ग से भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यहां दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, जबकि नवरात्रि की समय में यहां पर भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है।

4- बंदरभान मेला –
बंदरभान मध्य प्रदेश के नर्मदा पुरम जिले में स्थित है यह स्थान नर्मदा पुरम में मां नर्मदा और तवा नदी के संगम के लिए प्रसिद्ध है, यह स्थान नर्मदा पुरम के लोगों के लिए धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां पर कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर प्रतिवर्ष उत्सव मनाया जाता है और विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के श्रद्धालु आते हैं।

5- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व –
मध्य प्रदेश के नर्मदा पुरम जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व है यह टाइगर रिजर्व विभिन्न प्रकार के जानवरों के लिए सुरक्षित घर है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आपको स्पॉटेड डियर, इंडियन बायसन, टाइगर्स, तेंदुए, जंगली सूअर, जंगली कुत्ता, सुस्त भालू, काला हिरण, शाही, सांभर, चार सींग वाले मृग, पैंगोलिन, मार्स मगरमच्छ और बाघ देखने को मिल सकते हैं। यह सतपुड़ा नेशनल पार्क 1981 में स्थापित किया गया था, यह पार्क 202 वर्ग मील में फैला हुआ है।

6- अदमगढ़ हिल्स –
अदमगढ़ हिल्स मध्य प्रदेश के नर्मदा पुरम जिले में स्थित है। यह एक हिल स्टेशन है, यहां पर एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल भी है। यहां पूर्व ऐतिहासिक शैल आश्रयों और शैल चित्रों की खुदाई की गई है। यहां पर पाषाण युग की कलाकृतियां निम्न पुरापाषाण और मासोलिथिक उपकरण देखे जा सकते हैं। यहां पहाड़ी पर बनी हुई पेंटिंग हमारे पूर्वजों के बारे में सही जानकारी प्रदान करती हैं। यहां का दृश्य बहुत ही लुभावना होता है।

7- भीमबेटका रॉक शेल्टर –
भीमबेटका रॉक शेल्टर नर्मदा पुरम जिले में स्थित है यह एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यह नर्मदा पुरम मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। बरसात के बाद और ठंड के समय में यहां घूमने बहुत ही अच्छा लगता है इस दौरान यहां का वातावरण बहुत ही अवलोकिक होता है। यह नर्मदा पुरम का एक पिकनिक स्पॉट भी है यहां पर नर्मदा पुरम के लोगों का ज्यादा आना-जाना रहता है।
मध्य प्रदेश का यह जिला नर्मदा पुरम धार्मिक स्थल के साथ-साथ जलप्रपात तथा पिकनिक स्पॉट के लिए भी प्रसिद्ध है।