मैहर मध्य प्रदेश का एक जिला है पहले यह सतना जिले की तहसील हुआ करती थी सन 2023 में इसे जिला घोषित किया गया है। मैहर जिले में छोटे बड़े कई दार्शनिक स्थल हैं। इसके साथ-साथ यहां पर कई पिकनिक स्पॉट और जलप्रपात है जिनके बारे में हम विस्तार पूर्वक आपको बताएंगे।
1- मां शारदा देवी मंदिर- मां शारदा देवी का मंदिर मैहर जिले में स्थित है मां शारदा का मंदिर मैहर माता के नाम से भी जाना जाता है। यह 855 फीट की ऊंचाई पर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। यहां दर्शन के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं यहां की कई सारी मान्यताएं हैं। यहां प्रातः काल से लेकर सायंकाल तक ही दर्शन होता है, रात में यहां का कपाट बंद रहता है। यहां की मान्यता है कि आज भी रात में यहां पर आल्हा उदल आते हैं इसलिए रात में कपाट बंद रहता है, मंदिर पर कोई नहीं रहता है। मां शारदा का यह मंदिर पूरे देश की आस्था का प्रतीक है। ऊंचाई पर होने के कारण यहां पर सीढ़ियां बनी हुई हैं जो की 1000 से ज्यादा सीढ़ियां हैं । इसके साथ-साथ यहां पर रोपवे की भी व्यवस्था है, जिससे बूढ़े बच्चे सफर करके मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। त्रिकूट पर्वत के साथ कई पहाड़ियों की श्रृंखला है और वहां से देखने पर आसपास के क्षेत्र का दृश्य बहुत ही मनोरम लगता है। त्रिकूट पर्वत पर अन्य देवी देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित हैं, चारों तरफ पहाड़ियां होने के कारण यहां का दृश्य और वातावरण बहुत ही मनमोहक होता है। माना जाता है की माता शारदा का दर्शन करने से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। मां शारदा के दर्शन के लिए हजारों लोग प्रतिदिन मैहर आते हैं। नवरात्रि के समय में यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। माता के दर्शन के लिए विदेश से भी टूरिस्ट आते हैं।
2- नीलकंठ मंदिर – नीलकंठ मंदिर मैहर मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नीलकंठ मंदिर के साथ-साथ वहां एक खूबसूरत आश्रम भी है। यहां पर भगवान श्री राधा कृष्ण के मंदिर का दर्शन होता है। यहां की मान्यता के अनुसार नीलकंठ महाराज जी ने नीलकंठ आश्रम में तपस्या की थी। बारिश के समय में यहां पर झरना भी देखने को मिलता है, जिसका नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य को अच्छे से महसूस किया जा सकता है।
3- आल्हा उदल तलैया – मां शारदा का मंदिर आल्हा और उदल के लिए भी जाना जाता है, त्रिकूट पर्वत से थोड़ी दूर पर आल्हा ऊदल मंदिर भी है और इसके पास ही एक खूबसूरत तालाब भी है यह जंगल के बीच में स्थित है। तालाब में कमल अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, इससे तालाब की खूबसूरती और बढ़ जाती है। यह यहां का पिकनिक स्पॉट भी है। आसपास के क्षेत्र के लोग यहां पर पिकनिक करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि आज भी आल्हा और उदल अदृश्य होकर सुबह-सुबह माता शारदा की पूजा करने के लिए आते हैं और कपाट खुलने से पहले चले जाते हैं। मान्यता यह भी है की आल्हा उदल ने ही पहाड़ के बीच से मां शारदा की पावन धाम की खोज की थी और 12 वर्षों तक कड़ी तपस्या करके माता से अमरत्व का वरदान प्राप्त कर लिया था।
4- बड़ी खेरमाई मंदिर – बड़ी खेरमाई माता मंदिर मैहर जिले में स्थित है, मान्यता के अनुसार इन्हें मां शारदा की बड़ी बहन के रूप में माना जाता है। इसलिए माता शारदा के दर्शन के बाद बड़ी खेरमाई माता का दर्शन जरूर करना चाहिए। इस मंदिर में भगवान के विराट मंदिर देखने को मिलते हैं। यहां पर आप एक प्राचीन बावली भी देख सकते हैं। बड़ी खेरमाई माता के दर्शन करने से भक्तों की इच्छा पूर्ण होती है
5- ओइला मंदिर – ओइला मंदिर मैहर में सतना रोड पर स्थित है यह मैहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर माता दुर्गा जी का मंदिर है, यहां के मंदिर के मां दुर्गा की मूर्ति भव्य रूप से विराजमान है। ओइला मंदिर में माता दुर्गा की भव्य प्रतिमा के साथ-साथ गणेश जी महाराज और भगवान शिव का शिवलिंग भी विराजमान है। मंदिर में दर्शन आरती पूजा पाठ के लिए प्रतिदिन श्रद्धालु आते हैं।
6- बड़ा अखाड़ा मंदिर– बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर में स्थित है, यह मंदिर मैहर के प्रसिद्ध मंदिरों में माना जाता है। इस मंदिर में मंदिर की छत पर एक बहुत बड़ा शिवलिंग है, शिवलिंग का विशाल रूप बहुत ही मनमोहक है। शिवलिंग के नीचे मंदिर के अंदर 108 शिवलिंग विराजमान हैँ। इसके साथ-साथ मंदिर के गर्भगृह में मुख्य शिवलिंग का दर्शन होता है। इस मंदिर के पास एक बड़ा आश्रम भी है और आश्रम प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर है। यहां का शुद्ध वातावरण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आश्रम में गुरुकुल भी है, जहां पर छात्रों को शास्त्र, वेद का ज्ञान दिया जाता है।
7- इच्छापूर्ति मंदिर – इच्छापूर्ति मंदिर केजीएस फैक्ट्री के अंदर स्थित है, यहां पर आपको शिवलिंग, गणेश जी और हनुमान जी के साथ-साथ लक्ष्मी जी और भगवान श्री राम के भी दर्शन करने को मिल जाते हैं। इस मंदिर को बहुत ही खूबसूरत और प्राकृतिक रूप से बनाया गया है। इस मंदिर की नक्काशी बहुत ही खूबसूरत है, मंदिर के चारों तरफ बगीचे हैं जिससे रात के समय में मंदिर खूबसूरत लाइटों से जगमगाता रहता है और इसके साथ ही यहां पर एक खूबसूरत फवारा भी देखने को मिलता है।
8- पन्नीखोह जलप्रपात- पन्नीखोह जलप्रपात मैहर का पिकनिक स्पॉट है यहां पर आप वर्षा के समय जा सकते हैं यहां जाने के लिए सड़क मार्ग नहीं है पैदल ही जाना होता है। यह आल्हा उदल मंदिर के पास है, जहां पैदल आसानी से जाया जा सकता है। जंगल के बीच में स्थित होने से यहां की खूबसूरती बढ़ जाती है।
मैहर में इसके अलावा भी कई सारे मंदिर हैं जहां पर दर्शन किए जा सकते हैं, साथ में कई पिकनिक स्पॉट है जो कि मनोरंजन के साधन होते हैं।