ग्वालियर मध्य प्रदेश में स्थित है। ग्वालियर क्षेत्र अपने तीर्थ स्थलों और प्राकृतिक स्थलों तथा पुराने किलों के लिए मशहूर है। यहां पर देश के कोने-कोने से पर्यटक लुफ्त उठाने के लिए आते हैं। ग्वालियर में कई किले, म्यूजियम, महल, जलप्रपात आदि देखने लायक हैं। हम आपको ग्वालियर के इन प्रसिद्ध स्थान के बारे में विस्तार से बताते हैं।
1- बटेश्वर मंदिर – प्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर ग्वालियर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह केवल एक मंदिर नहीं बल्कि कई मंदिरों का एक समूह है। लगभग 25 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। इस मंदिर परिसर का निर्माण आठवीं से 11वीं शताब्दी के बीच हुआ था। इनमें से ज्यादातर मंदिर भगवान शिव के मंदिर हैं तथा कुछ भगवान विष्णु के मंदिर हैं साथ में यहां पर अन्य देवी देवताओं के भी मंदिर मिलेंगे। श्रद्धालुओं को यहां पर अवश्य जाना चाहिए।
2- चौसठ योगिनी मंदिर – चौसठ योगिनी माता जी का मंदिर ग्वालियर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मितावली गांव में है। यह चौसठ योगिनी माता का एकमात्र मंदिर है जहां पर भगवान शिव और पार्वती के विवाह की मूर्ति स्थापित हैं। इस मंदिर में 81 योगिनियों की मूर्तियां भी हैं। यह मंदिर देवी देवताओं के साथ-साथ अपने नक्काशी और सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
3- पडावली किला- पडावली किला बटेश्वर मंदिर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले के अंदर भगवान शिव का एक बेहद पुराना मंदिर है, जिसकी नक्काशी वाकई में देखने लायक है यहां पर पर्यटकों को अवश्य आना चाहिए।
4- गोहद किला – ग्वालियर का यह गोहद किला पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध स्थान है यह ग्वालियर से 45 किलोमीटर दूर स्थित है। इस किले का निर्माण 1505 में पूरा हुआ था, यह किला वैसली नदी के किनारे स्थित है इस किले में 11 गेट हैं, इस किले के अंदर कई मंदिर हैं जिनकी बनावट अतुलनीय है। यहां घूमने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
5- ग्वालियर का किला – ग्वालियर का किला ग्वालियर जिले के शहर में स्थित है। यह किला मुगल सम्राट बाबर द्वारा “भारत में किलों के बीच गहना “के रूप में बताया गया है। इस किले की बनावट बहुत ही अतुलनीय है यह पत्थरों से बनाया हुआ है। यह एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, यह किला शहर में दूर से दिखाई देता है और रात में इसकी शोभा और बढ़ जाती है। इस किले को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
6- चिड़ियाघर – मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में मौजूद यह चिड़ियाघर लगभग 20 एकड़ में बना हुआ है। यहां पर दुर्लभ प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते हैं, इन जंगली जानवरों की देखभाल के लिए ग्वालियर नगर निगम द्वारा कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इस चिड़ियाघर को नगर निगम द्वारा बहुत ही खूबसूरत बनाया गया है। इसमें गुरुद्वारा, प्रार्थना कच्छ इत्यादि मौजूद हैं। जंगली जानवरों के लिए अच्छे व स्वच्छ आवास व पानी की व्यवस्था रहती है। यहां पर प्रायः लुप्त जीव जंतु व दुर्लभ प्रजातियां ही देखने को मिलती हैं। पर्यटकों को एक बार यह चिड़ियाघर देखने अवश्य जाना चाहिए।
7- सूर्य मंदिर – ग्वालियर का सूर्य मंदिर देश के प्रभावशाली मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, इस मंदिर को सन 1988 में ग्वालियर के प्रसिद्ध व्यवसायी ने बनवाया था। यह सूर्य भगवान का मंदिर है, इस मंदिर में सूर्य भगवान की एक भव्य प्रतिमा है। कुछ समय पहले निर्माण होने के बाद भी यह सूर्य मंदिर ऐतिहासिक शहर के सबसे सम्मानित मंदिरों में से एक है। यहां पर हजारों दर्शनार्थी प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं।
8- रानी लक्ष्मीबाई समाधि – ग्वालियर में झांसी की महारानी रानी लक्ष्मीबाई की समाधि मौजूद है। समाधि के पास ही रानी लक्ष्मीबाई की 8 मीटर ऊंची मूर्ति स्थापित है। यहां पर रानी लक्ष्मीबाई के सम्मान में प्रतिवर्ष जून में एक विशाल मेला लगता है। इस मेले में दूर दराज के लोग भाग लेने के लिए आते हैं।
9- तानसेन का मकबरा – तानसेन को भारत के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में से एक माना जाता है। यह मध्य युग में अकबर के दरबार के प्रमुख गायक हुआ करते थे। यह मुगल दरबार के प्रमुख 9 मोतियों में से एक थे। तानसेन के बारे में कहा जाता था कि जादू बुला सकते थे, बारिश इनके संगीत से हो सकती थी। तानसेन अपने गीत से जानवरों को मोहित कर सकते थे। तानसेन का मकबरा ग्वालियर जिले में बनाया गया है, यहां तानसेन जी का एक अच्छा स्मारक बनाया गया है। प्रत्येक वर्ष नवंबर माह में तानसेन संगीत समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें देश के सभी संगीतकारों शिरकत करते हैं और विभिन्न शास्त्रीय प्रदर्शनों में अपना योगदान देते हैं।
इसके अलावा भी ग्वालियर में घूमने के लिए कई जगह है, जहां पर जाकर लोग आनंद ले सकते हैं। जिसमें से तेली का मंदिर, सास बहू मंदिर, सुरजकुंडो, सिंधिया संग्रहालय, सरोद घर, ग्वालियर व्यापार मेला, पाटनकर बाजारी, गोपाचल पर्वत, रूप सिंह स्टेडियम, सारोड घर, मान मंदिर पैलेस, तिगरा धाम, जय विलास पैलेस, गुजरी महल, गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब आदि स्थानों पर पर्यटक आ सकते हैं।