मध्य प्रदेश का भोपाल जिला झीलों के शहर नाम से प्रसिद्ध है। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भी है। भोपाल टूरिस्ट के लिए बहुत ही अच्छा शहर है। यहां पर देश-विदेश से पर्यटक मनोरंजन करने के लिए आते हैं। आइये हम आपको कुछ पर्यटक स्थल के बारे में बताते हैं
1- श्री मध्य स्वामी मलाई मंदिर – 19वीं शताब्दी के अंत में भगवान कार्तिकेय का यह मंदिर स्थापित किया गया था। यह मंदिर भोपाल के मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, इस मंदिर का निर्माण कांची कामकोटी पीठम ने करवाया था। इस मंदिर परिसर में भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश जी, शिव जी तथा अन्य देवी देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर हैं। यहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं
2- भोजताल – भोपाल में सबसे प्रसिद्ध स्थान में से भोज ताल झील है इसे कई नाम से जाना जाता है। इसे बड़ा तालाब या अपर झील भी कहते हैं। इस झील में महाराजा भोग की बहुत बड़ी प्रतिमा स्थापित है। इस झील के पास में कमला पार्क नाम का एक बहुत बड़ा गार्डन है जो इसकी शोभा को और बढ़ा देता है। झील और इस खूबसूरत पार्क को देखने के लिए हजारों लोग प्रतिदिन यहां आते हैं। इस झील से भोपाल के निवासियों को पीने का पानी भी उपलब्ध होता है। यह लगभग हर साल 35 मिलियन गैलन पीने का पानी उपलब्ध कराती है। इसमें पर्यटक वोटिंग का भी आनंद लेते हैं। इस झील का निर्माण 11वीं सदी में महाराजा भोज ने कोलन नदी को रोककर किया था। इस झील का सुबह और शाम बहुत ही मनोरम दृश्य होता है। भोपाल आने वाले पर्यटकों को इसका आनंद जरूर लेना चाहिए।
3- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान – भोपाल में झील के नजदीकी वन विहार राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन स्थल है। इस पर्यटन स्थल पर विदेशी फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसके साथ-साथ यहां पर ब्लैकबक, चीतल, सांभर, ब्लू बुल, शाही, जंगली सूअर और लकड़बग्घा जैसे वन्य जीव देखने को मिलते हैं। यहां पर आपको तेंदुआ, चीता, नीलगाय, वैगटेल और सफेद बाघ देखने का मौका मिलता है। यह जगह प्रकृति के प्रेमियों के लिए उत्तम स्थान है। इस उद्यान को दो भागों में बांटा गया है, एक हिस्से में शाकाहारी जानवर रहते हैं तथा दूसरे में मांसाहारी जानवर रहते हैं। शाकाहारी जानवरों के क्षेत्र में पर्यटकों को घूमने की अनुमति मिलती है। यहां पर सुबह से शाम तक शुल्क भुगतान करके मनोरंजन कर सकते हैं।
4- सांची स्तूप – भोपाल का सांची स्तूप यहां के पर्यटक स्थलों में से एक मुख्य है। माना जाता है की तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल में बनाई गई थी। यह स्तूप बौद्ध स्मारकों में से एक है। यहां यह माना जाता है कि स्तूप के विशाल गुंबद में एक केंद्रीय तिजोरी है जहां भगवान बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं। यह पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए सुबह से शाम तक खुला रहता है इसे देखने के लिए पर्यटकों को शुल्क का भुगतान करना होता है।
5- निचली झील – निकली झील भोपाल रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित है। इस झील का निर्माण 1794 में किया गया था। यह झील भोजताल से जुड़ी हुई है। टूरिस्ट के लिए यह एक मुख्य स्थान है। इस झील का पानी पीने के उपयोग में लिया जाता है। यहां का वातावरण बहुत ही शांत और स्वच्छ है।
6- भीमबेटका – भीमबेटका भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का अनुमान है कि यहां की गुफाएं 30000 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। लोगों का मानना यह भी है कि महाभारत के भीम के चरित्र से संबंधित है ये गुफाएं, इसीलिए इसका नाम भीमबेटका पड़ा है। गुफाओं के अंदर गढ़ी हुई चट्टानों की संरचनाओं और हरे भरे वनस्पतियों तथा लकड़ियों से घिरी हुई यह जगह बहुत ही खूबसूरत अनुभव देती है। भोपाल में घूमने के लिए खूबसूरत स्थान में से यह गुफाएं उपयुक्त हैं। यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया है।
7- बिड़ला संग्रहालय – बिरला संग्रहालय भोपाल में स्थित है, पर्यटन के लिए यह एक शानदार स्थान है। यह भोपाल के बिड़ला मंदिर परिसर का एक हिस्सा है जिसमें भगवान शिव और देवी पार्वती का पवित्र मंदिर और भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर भी है। इस संग्रहालय में 7वीं से 13वीं शताब्दी के पत्थर की नक्काशी का उल्लेख मिलता है, यहां पर मिट्टी के बर्तन उस पर कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। यह संग्रहालय बहुत सुनियोजित ढंग से बनाया गया है।
8- पुरातत्व संग्रहालय – पुरातत्व संग्रहालय भोपाल शहर में ही स्थित है।इसमें विशेष प्रकार की मूर्तियां दिखती हैं। यहां की कलाकृतियां बहुत ही सुंदर हैं, इसमें देवी देवताओं, लक्ष्मी जी और ब्रह्मा जी,विष्णु भगवान तथा शिवजी की मूर्तियां रखी गई है। यहां पर बुद्ध की मूर्ति भी दिखाई देती है। इसका निर्माण सुनियोजित ढंग से किया गया है जिससे यह पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
9- ट्राइबल म्यूजियम – भोपाल के पर्यटक स्थल में ट्राइबल म्यूजियम सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है यह म्यूजियम बहुत ही सुनियोजित ढंग से बनाया गया है। यहां पर आप आदिवासी संस्कृति का हिस्सा देख सकते हैं, आदिवासी जीवन सिखाने वाली बहुत सारी जानकारी आपको प्राप्त होती है। इस परिसर को 6 गैलरीज में बांटा गया है, जो जनजातीय संस्कृति, जीवन, कला और पौराणिक कथाओं को समर्पित है।यह म्यूजियम अत्यंत सुंदर बनाया गया है।
भोपाल आने वाले पर्यटक यहां के कई प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन कर सकते हैं। यहां का भोजेश्वर मंदिर, गुफा मंदिर, इस्कॉन मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, खटला पुरा मंदिर, कालिका माता मंदिर, मां हरसिद्धि मंदिर, कंकाली माता मंदिर, नाग मंदिर, खटलापुरा मंदिर, करुणा धाम मंदिर, कर्फ्यू वाली माता मंदिर, काली माता मंदिर प्रसिद्ध हैँ।