भारत के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले को राजा का स्थान माना जाता है। छतरपुर पर्यटकों के लिए मुख्य स्थान माना जाता है। यहां पर बहुत सारे दर्शनार्थी आते हैं यह तीर्थ स्थल के साथ-साथ प्राचीन सभ्यताओं के लिए भी जाना जाता है। छतरपुर के प्रमुख स्थान निम्नलिखित है।
1- जटाशंकर – जटाशंकर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बिजावर तहसील से 15 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों से घिरा हुआ है, यहां पर विराजित भगवान शिव की प्रतिमा का गोमुख से गिरती हुई धारा से जलाभिषेक होता रहता है। हिंदुओं की धार्मिक संस्था का बड़ा केंद्र है, यहां प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी आते हैं परंतु अमावस्या के दिन यहां पर भारी भीड़ होती है। यहां के कुंड का जल हमेशा तापमान के विपरीत होता है ठंड में इनका पानी गर्म होता है और गर्मी में जल शीतल रहता है। यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं इस जल से स्नान जरूर करते हैं और यहां का जल घर ले जाते हैं। जटाशंकर के बारे में जानकारी मिलती है की वसस्तु नाम के राजा को स्वयं जटाधारी भगवान शिव ने स्वप्न में आकर दर्शन दिए थे इसके पश्चात ही राजा ने उसे स्थान को ढूंढ कर वहां से निकले शिवलिंग की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी।
2- भीमकुंड – भीमकुंड छतरपुर जिले के बजाना गांव के पास स्थित है इसकी दूरी छतरपुर मुख्यालय से लगभग 77 किलोमीटर दूर है। भीमकुंड को एक पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता है, कुंड के पानी की स्वच्छता से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस कुंड में तैरती हुई एक-एक मछली आप देख सकते हैं जबकि लोगों का मानना है भीमकुंड की गहराई मापी नहीं जा सकती है।
3- महाराजा छत्रसाल संग्रहालय – महाराजा छत्रसाल संग्रहालय मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में राजमार्ग पर स्थित एक प्राचीन महल के अंदर बना हुआ है। इस महल में वर्तमान समय में आठ गैलरिया बनी हुई हैं। जिसमें प्राचीन राजाओं के चित्र वस्त्र व उनके हथियारों की प्रदर्शनी होती है। इस संग्रहालय में जैन धर्म से संबंधित चित्रों को भी सुनिश्चित ढंग से चित्रित किया गया है। छतरपुर आने वाले पर्यटक इस संग्रहालय को देखने के लिए जरूर आते हैं।
4- खजुराहो मंदिर – मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिर भारत के साथ-साथ विदेश में भी लोकप्रिय है। यहां की कलाकृतियों को देखने के लिए देश-विदेश से टूरिस्ट आते हैं। खजुराहो मंदिर समूह में हिंदू और जैन धर्म के स्मारक आते हैं। यह मंदिर चंदेल वंश के दौरान 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। यहां की कलाकृतियां अत्यंत ही खूबसूरत हैं। खजुराहो मंदिर के पास ही भगवान शिव का मतंगेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर मौजूद शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर 9 फीट की जमीन के बाहर है। इस शिवलिंग की ऊंचाई प्रतिवर्ष बढ़ती है।
5- गंगऊ बांध – मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से लगभग 18 किलोमीटर दूर गंगऊ बांध स्थित है या सीनरी नदी और केन नदी के संगम स्थल पर स्थित है। यहां पर पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए दूर-दूर से आते हैं और यहां पर नौका विहार का भी आनंद लेते हैं।
6- रनेह जलप्रपात – रानी जलप्रपात छतरपुर जिले के खजुराहो से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह केन नदी और खुदार नदी के संगम से जलप्रपात बनता है। यह जलप्रपात लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है यह अपने साथ कई छोटे बड़े जलप्रपातों को मिलाता है। यहां का प्रमुख वॉटरफॉल 98 फीट गहरा है और यह रंग-बिरंगे ग्रेनाइट चट्टानों के ऊपर से गुजरता है जहां का दृश्य बहुत ही आकर्षक एवं मनोरम होता है यहां पर अच्छा रेस्टोरेंट भी उपलब्ध है यहां लोग पिकनिक के लिए भी आते हैं। यह जलप्रपात देखने के लिए प्रशासन द्वारा शुल्क लिया जाता है।
7- पांडव जलप्रपात – पांडव जलप्रपात छतरपुर के राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है। यहां की मान्यता या है कि पांडवों ने अपने निर्वाचन के समय इस स्थान पर शरण ली थी। यह पांडव जलप्रपात और यहां के झरना, प्राकृतिक वातावरण बहुत ही शुद्ध और मनोरम होता है।
8- बलदेव जी मंदिर – बलदेव जी मंदिर छतरपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर रोमन वस्त्र कला से प्रेरित है जिससे कि यहां आने वाले दर्शनार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर में बड़े-बड़े स्तंभ है जो कि अपनी कलाकृतियों के लिए जाने जाते हैं। मंदिर के बाहर से भी दर्शन किया जा सकते हैं। भगवान की मूर्ति का निर्माण शालिग्राम पत्थर का उपयोग करके बनाया गया है।
9 – केन घड़ियाल अभयारण्य- केन घड़ियाल अभयारण्य छतरपुर के आकर्षण का केंद्र है यहां पर भारी संख्या में मगरमच्छ देखे जा सकते हैं जो कि प्रशासन द्वारा संरक्षित किए गए हैं। इसके साथ-साथ यहां पर कई अन्य जीव जंतु देखे जा सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक दृश्य का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
10- गुलगंज किला – मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित ऐतिहासिक गुलगंज किला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। गुलगंज किले का निर्माण 18वीं शताब्दी के दौरान माना जाता है। यहां पर पर्यटक पिकनिक के लिए आते हैं और मनोरंजन करते हैं।
11- बागेश्वर बालाजी धाम- छतरपुर जिले से 40 किलोमीटर की दूरी पर गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर बालाजी धाम अत्यंत लोकप्रिय हैं यहां पर बालाजी महराज का प्रसिद्ध मंदिर है आज के समय में बालाजी महाराज के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। यहाँ के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री हिंदू समाज के साथ-साथ अन्य वर्ग के लोगों में भी काफी लोकप्रिय हैं। यहां पर बालाजी महाराज के साथ- साथ प्रेतराज सरकार का भी स्थान है, यहां पर सन्यासी बाबा का मंदिर भी स्थित है।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में इसके अलावा कई अन्य जलप्रपात, तालाब, मंदिर इत्यादि मौजूद हैं।