पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक जिला है यह लगभग 7090 वर्ग किलोमीटर में स्थित है। गर्मी के समय में पर्यटक उत्तराखंड आना चाहते हैं, यहां बर्फीले पहाड़, जंगल, खूबसूरत घाटियां , पार्क, झरना इत्यादि देखने को मिलता है। पिथौरागढ़ के पार्क घाटियां झरने पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। हम आपको पिथौरागढ़ के मुख्य स्थान के बारे में बताएंगे।
1- गंगोलीहाट –
पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में हाट कालिका मंदिर सिद्ध पीठ मंदिर है। जिला पिथौरागढ़ मुख्यालय से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहां पर सिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा स्थित है। यहां से हिमालय की खूबसूरती को आसानी से देखा जा सकता है। यह स्थान प्रकृति से भरपूर है, यहां पर काफी संख्या में दर्शनार्थी आते हैं।
2- नारायण आश्रम –
यह खूबसूरत नारायण आश्रम पिथौरागढ़ मुख्यालय से लगभग 136 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान आध्यात्मिक का केंद्र माना जाता है। इस आश्रम में अलग-अलग वर्ग के लोगों के लिए अलग-अलग शिक्षा की व्यवस्था है, जिसमें स्थानीय बच्चों के लिए एक स्कूल है और स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण कराया जाता है। यह धार्मिक स्थान होने के कारण यहां पर काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस आश्रम में पुस्तकालय ध्यान कक्ष व समाधि स्थान भी है जहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और इसका आनंद लेते हैं। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यह प्राकृतिक रूप से काफी सुंदर तथा आसपास के क्षेत्र बड़े मनोरम लगते हैं।
3- बड़ाबे –
पिथौरागढ़ जिले में शहर मुख्यालय से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ाबे शिव जी का विशाल मंदिर है। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, यह दार्शनिक स्थल होने के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है। जहां पर सर्दियों में काफी बर्फबारी होती है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, हरी भरी पहाड़ियों तथा जंगलों के बीच स्थित यहां का वातावरण काफी मनमोहक होता है। यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु तथा पर्यटक आते हैं। इस मंदिर को लटेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
4- कपिलेश्वर महादेव मंदिर-
भगवान शिव का यह मंदिर पिथौरागढ़ शहर में स्थित है मुख्यालय से इसकी दूरी मात्र 3 किलोमीटर है। कपिलेश्वर महादेव मंदिर का गर्भ गृह एक अंधेरी गुफा के अंदर स्थित है। यहां पर प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मान्यता के अनुसार इस पुराने मंदिर में कपिल नामक ऋषि ने तपस्या की थी। यह स्थान प्राकृतिक रूप से भी काफी खूबसूरत है और पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
5- ध्वज मंदिर-
पिथौरागढ़ शहर में मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान शिव और देवी जयंती का ध्वज मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। समुद्र तल से केवल 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह प्राकृतिक रूप से काफी खूबसूरत बनाया गया है। यहां पर दो मंदिर स्थित है एक मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है तथा दूसरे मंदिर में मां जयंती की पूजा की जाती है। बर्फीले पहाड़ों के बीच में स्थित होने के कारण यहां का दृश्य मनमोहक होता है। स्वच्छ वातावरण होने के कारण यहां पर पर्यटक ज्यादा संख्या में आते हैं।
6- मुनस्यारी हिल स्टेशन –
मुनस्यारी हिल स्टेशन पिथौरागढ़ जिले में समुद्र तल से 2135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसे जोहार घाटी के नाम से भी जाना जाता है। महेश्वरी कुंड तथा धमरी कुंड झील है। पहले इस स्थान को तिकसेन के नाम से जाना जाता था। यह स्थान ज्यादातर समय वर्फ से ढका रहता है। पहाड़ियों के बीच में स्थित यह स्थान बहुत ही खूबसूरत है, यहां पर प्राकृतिक संपदाओं की खान है, यहां के खूबसूरत जंगल तथा झरने प्रसिद्ध है। यहां पर पर्यटक ट्रैकिंग के लिए आते हैं। यहां पर पर्यटक रकम और नीलम ग्लेशियर तथा नंदा देवी चोटी पर ट्रैकिंग कर सकते हैं।
उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला प्राकृतिक रूप से काफी खूबसूरत है। ज्यादा पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां की जनसंख्या भी काफी कम है, परंतु पर्यटक यहां ज्यादा संख्या में आते हैं। यहां पर पर्यटक अन्य स्थानों पर भी घूम सकते हैं, जिसमें से अर्जुनेश्वर मंदिर, नकुलेश्वर मंदिर, पिथौरागढ़ का किला, थल केदार मंदिर, नैनी सैनी हवाई अड्डा, पंचेश्वर बांध, चाय के बागानों के लिए प्रसिद्ध बेणीनाग, चौकोड़ी, दारमा वैली, ब्यास वैली, चंडाक, धारचूला इत्यादि स्थान हैँ।